Tuesday 25 April 2017

एक चिकित्सक होने के नाते कुछ सलाह

 डॉ मोहन नागर मेरे आदरणीय सीनियर है।  उन्होने मरीजों के लिए अपने फेसबुक वाल पर बहुत बढ़िया पोस्ट लिखी है उनसे यहाँ शेयर कर रहा हूँ -


एक चिकित्सक होने के नाते कुछ सलाह -
१ - सिर्फ बड़े अस्पतालों में सबसे अच्छा ईलाज होता है ये भ्रम दूर कीजिए मन से .. हर शहर में कुछ छोटे मंझले अस्पताल भी होते हैं वहाँ भी आपको सर्वश्रेष्ठ ईलाज मिल सकता है कम खर्च पर .. कैसे ?
- बड़े और अनुभवी डाक्टर छोटे अस्पताल भी जाते हैं On call बड़े अस्पतालों की तरह .. किसी ठीक ठाक छोटे अस्पताल भर्ती करवाइए अपने मरीज को और बड़े डाक्टर को वहाँ बुलवा लीजिए On Call .. ईलाज भी बेहतरीन मिलेगा और खर्च भी बचेगा आपका ।
२ - पहुंचते ही - डाक्टर साहब अच्छे से अच्छा ईलाज करिएगा पैसे भले ही जित्ते लग जाएं .. जैसे डायलाग कहने से बाज आऐं ।
३ - अपनी आर्थिक स्थिति कितनी भी अच्छी हो उसका प्रदर्शन न करें डाक्टर के सामने .. कमतर जताएँ .. भला डाक्टर रियायत देगा और बुरे से बुरा भी इस नाते मंहगी जांचों / ईलाज से बाज आएगा की इसके पास ज्यादा पैसे नहीं।
४ - आपरेशन जैसी स्थिति में दवाइयों और रुकने के खर्च सहित बिल कितना हो सकता है कि बात करें .. हो सके तो दो एक अस्पतालों में पता करें .. जब आप सब्जी तक चार ठेले पर भाव पूछने के बाद खरीदते हैं तो यहाँ भी यही क्यों नहीं ? बड़े सर्जन को बुलाकर छोटे अस्पताल में आपरेशन वाला फंडा सर्वश्रेष्ठ ।
५ - मरीज को इलाज के लिए क्या चाहिए ? एक अच्छा डाक्टर और एक पलंग जहां से ज्यादातर तो बाथरुम तक नहीं उठकर जा सकते कि देखें .. कैसा है ? .. और एक ऐसा पलंग / बेहतरीन डाक्टर का proscription .. उसके Guidance में ईलाज .. Monitoring तो छोटे अस्पतालों में भी .. बाकी की सुविधा से मरीज को क्या लेना देना। ? फिर भी आप एक ऐसी रुम / टीवी / अटैच लेटबाथ वाला सुईट बुक करते हैं बड़े अस्पताल का तो ये आपका स्टेटस सिंबल है महोदय या फिर ये आप मरीज की नहीं अपनी सुविधा के लिए चयनित कर रहे हैं .. फिर डाक्टरों को गरियाइये मत नैतिकता के आधार पर ।


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