Wednesday 10 May 2017

हाई ब्लड प्रेशर में एक्सरसाइज करें की नहीं

जब हार्ट की धमनियों में प्रेशर बढ़ जाता है तब ब्लड को ऑर्गन तक सप्लाई करने के लिए ज्यादा प्रेशर लगाना होता है, इसे हाई ब्लड प्रेशर कहते हैं। सिरदर्द, चक्कर आना और धड़कन बढ़ना इसके प्रमुख लक्षण हैं। अगर बीपी बढ़ रहा है तो इसकी सही वजह का पता करना चाहिए। साथ ही, अपना बीपी लेवल बीच-बीच में जांच कराते रहना चाहिए। तनाव या चिंता का पता लगाएं और लाइफ स्टाइल को कंट्रोल में रखें। पहली बार अचानक बीपी नहीं बढ़ता है। अगर किसी का बढ़ता है तो उसे दवा देनी चाहिए।


प्रमुख ध्यान रखने वाली बातें :



  1.  हाई ब्‍लड प्रेशर को 'साइलेंट किलर' भी कहा जाता है।
  2. रोगियों को नियमित रूप से एक्‍सरसाइज करनी चाहिए।
  3. नियमित एरोबिक्स से ब्‍लड प्रेशर का स्तर नियंत्रित रहता है।





ब्‍लड प्रेशर आधुनिक लाइफ स्टाइल की सबसे आम बीमारी बनकर उभरी है। इसे 'साइलेंट किलर' तक कहा जाता है। हाई ब्‍लड प्रेशर एक ऐसी अवस्‍था है, जिसमें व्‍यक्ति का ब्‍लड प्रेशर बढ़कर 140/90 हो जाता है। यह बढ़कर 180/120 तक जाता है, जो एक बहुत ही गंभीर अवस्‍था मानी जाती है, और जितनी जल्‍दी हो सके इसे नियंत्रित किया जाना चाहिए।

बहुत से लोगों को लगता हैं कि वह जिम और वर्कआउट सिर्फ इसलिए नहीं कर सकते हैं, क्‍योंकि उन्‍हें हाई ब्‍लड प्रेशर है। वास्‍तव में हाई ब्‍लड प्रेशर के रोगियों को नियमित रूप से एक्‍सरसाइज करनी चाहिए, क्‍योंकि हाइपरटेंशन के कारणों में से एक कारण स्‍वस्‍थ जीवनशैली का अभाव है। हफ्ते में 5 दिन जिम करने से हाई ब्‍लड प्रेशर के रोगियों को ब्‍लड प्रेशर नियंत्रित करने में मदद मिलती है। लेकिन जिम करने की चाहत रखने वाले हाई ब्‍लड प्रेशर के रोगियों को कुछ उपायों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी हैं।

  • वर्कआउट मध्यम तीव्रता से होना चाहिए। यद्यपि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करते समय, वेट दिल के स्‍तर से ऊपर नहीं जाना चाहिए। स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग से भी लंबे समय में ब्‍लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। अन्य एक्‍सरसाइज में आप जॉंगिंग, स्क्वॉट, पुल-अप, बाइसेप कर्ल, सीटेड चेस्‍ट प्रेस आदि शामिल कर सकते हैं।  
  • हाई ब्‍लड प्रेशर के रोगियों को एक सेक्‍शन में 30-60 मिनट के लिए एक्‍सरसाइज करनी चाहिए, इस बात को ध्यान में रखते हुए कि सेक्‍शन में तीव्रता ना हो।
  • नियमित एरोबिक्स भी ब्‍लड प्रेशर के स्तर को बनाए रखने में बहुत मददगार होती है। जब आप जिम कर रहे हो तो आप ट्रेडमिल या इलिप्टिकल ट्रेनर का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, आपको अपने ट्रेनर को बताना चाहिए कि आप हाई ब्‍लड प्रेशर के रोगी है ताकी एक्‍सरसाइज बहुत ज्‍यादा तेजी वाली न हो।
  • एक्‍सरसाइज के साथ अच्‍छी डाइट, जिसमें चीनी की मात्रा कम और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होनी चाहिए।
  • नियमित एक्सरसाइज से तनाव दूर होता है, जिससे ब्‍लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। 
  • एरोबिक्स के अलावा, योग और पिलेट्स से भी तनाव को कम करने और फिटनेस के स्तर को बढावा देने में मदद मिलती हैं।
  • इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन सी एक्‍सरसाइज चुनते हैं, लेकिन आपको इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि एक्‍सरसाइज की शुरूआत धीरे-धीरे और शुरुआत से पहले वार्मअप करना न भूलें। वर्कआउट की तीव्रता में धीरे-धीरे वृद्धि की जानी चाहिए, और यह हमेशा मध्‍यम से तीव्रता में ही होना चाहिए।
  • एक्‍सरसाइज के दौरान आपको इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि आप अपनी सांसों को रोकें नहीं, क्‍योंकि इससे आपके ब्‍लड प्रेशर के स्‍तर में वृद्धि हो सकती है। साथ ही इस बात का भी ध्‍यान रखें किे आप सांस लगातार लें और अगर आपको चक्‍कर जैसा महसूस हो तो एक्‍सरसाइज को बीच में ही रोक दें।
  • इन कुछ उपायों को अपनाने से आपकी जिमिंग संभव हो सकती हैं, भले ही आप हाई ब्‍लड प्रेशर के रोगी ही क्‍यों न हो। 


(बालाजी हॉस्पिटल टिकरापारा  में इलाज के लिये संपर्क करें - 77475156 ,769401615 ,89995519 )








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