"जीवन के उजाले पक्ष को देखो "
"अच्छा विचार जीवन को सुखी करता है "
"हर दिन अच्छा नहीं होता पर हर दिन कुछ न कुछ अच्छा ज़रूर होता है "
"गिलास को आधा भरा देखो आधा ख़ाली नहीं "
दुनिया भर में उपरोक्त विचारों को भले ही ग़ैर यथार्थ आशावाद का नाम दें पर वैज्ञानिक रिसर्च ने साबित किया है कि आशावादी विचार शरीर के स्वास्थ्य को बेहतर करता है और जीवन को लंबी उम्र भी देता है .
जब कभी बीमारी से जूझना हो तो सकारात्मक विचार रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और निराशा को कम करता है .
वैज्ञानिक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि सकारात्मकता से स्वास्थ्य लाभ होता है . यह लाभ कैंसर , बीपी , वज़न कम करना , शुगर कंट्रोल जैसे विषयों के रिसर्च से साबित हुआ है .
एक रिसर्च में डायबिटिस के 49 मरीज़ों को शामिल किया गया . उन्हें सकारात्मक विचारों बढ़ाने और नकारात्मक विचार कम करने की ट्रेनिंग दी गई .कुछ माह बाद निष्कर्ष आया . उसमें यह पाया गया कि सकारात्मक विचारों वाले मरीज़ों की शुगर बेहतर कंट्रोल थी , उनकी शारीरिक क्षमता का विकास हुआ , उनमें स्वस्थ खानपान की रूचि बढ़ी , और तबांखु की लत कम हुई. साथ ही मृत्यु के लिये होने वाले रिस्क में कमी हुई .
"सकारात्मक ट्रेनिंग का अनुभव जीवन के लिये बहुत अच्छा रहा . ये आध्यात्मिक अनुभव जैसा है " नयापारा राजिम के डायबिटिक मरीज़ दौलत राम ने बताया .
"यह हमारे लिये नई बात नहीं है . रिसर्च ने इस बात को पुख़्ता ज़रूर किया है . पर हमारे संतों ने सकारात्मक संदेश हमेशा से ही दिया है "बालाजी टिकरापारा रायपुर के डायबिटिक विशेषज्ञ डॉ सत्यजीत साहू ने कहा .
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