Tuesday 2 May 2017

डिस्ट्रेस महसूस करने वाले तथा उनका ख्याल करने वाले लोगों के लिए


 राधा टेम्बेरे तीस वर्षीय महिला है। वह उच्च शिक्षा प्राप्त है। उसको पिछले कई महीनों से धड़कन और घबराहट की समस्या थी। उसने अपने इलाज के लिए कई डॉक्टरों  को दिखाया और सभी प्रकार के टेस्ट कराये।  सभी कुछ नार्मल आता था। अंत में उसको मनोचिकित्सक ने डिप्रेशन सोमैटिक कॉम्पोनेन्ट बताया और उसके लिए दवाई दी। दवा से उसको कुछ लाभ तो हुआ पर तकलीफ पूरी तरह से ठीक नहीं हुई। मनोचिकित्सक ने उसे बताया की कॉग्निटिव बेहवियरल थेरपी करने से आगे का लाभ होगा। 



कॉग्निटिव बेहविरल थेरेपी  ( Cognitive Behavioural Therapy) (CBT) सी बी टी क्या है: 

यह निम्न विषयों के बारे मे बात  करने का एक तरीका है-

आप अपने बारे मे कैसे सोचते है, दुनिया मे और दूसरे लोगों के बारे मे कैसे सोचते है।               
आपके कार्य  कैसे आपके विचारो एवं भावनाओं को प्रभावित करते है।

सी बी टी आपको अपने सोचने के तरीके में कागनिटिव(Cognitive) एवं अपने आचरण में बदलाव लाने
में मदद कर सकता है। ये बदलाव आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकते है। अन्य
तरीके के बातचीत वाले उपचार से भिन्न, सी बी टी अभी की दिक्कतों एवं परेशानियों पर प्रकाश डालता है। आपकी परेशानियों के कारणों एवं पिछ्ले लक्षणों के बजाय सीबीटी(CBT) मन के ताजा हालात को ठीक करने में मदद करता है।

निम्नलिखित बीमारियों में सी बी टी मददगार साबित हुआ है-

एंग्जायटी 
अवसाद
पैनिक
एगोराफोबिया
 सोशल फ़ोबिया
बुलिमिया
आबजेसिव कम्पलरसिव डिसाडर
पोष्ट्रमिटिक
सिजो स्कीजोफ़्रीनिच

यह कैसे कार्य करता है:


सी बी टी आपकी परेशानियों को विभिन्न को हिस्सों में रखकर आपको उन्हे समझने में मदद  करता है इससे यह समझ पाना आसान हो जाता है कि उनमें आपस में क्या सम्बन्ध है और वो आपको कैसे प्रभावित कर रहे है ये निम्नलिखित है:
समस्या- कोई मुश्किल, घटना या कठिन परिस्थिति में उपजे-
विचार
भावना
शारीरिक लक्षण
व्यवहार
इनमें से प्रत्येक चीज को प्रभावित कर सकता है। जैसे किसी परेशानी के बारे में आपके विचार आपकी भावनाओं और आपके शारीरिक लक्षणों को प्रभावित कर सकते है। आप क्या करेंगे आपके विचार इस बात को प्रभावित कर सकते है।

उदाहरण : 
परिस्थिति-
जैसे किसी दिन आप बहुत परेशान थे,बहुत थका हुआ महसूस कर रहे थे, इसलिए
आप सड़क पर निकले कोई परिचित आपके पास से गुजरा परन्तु उसने आपकी उपेक्षा की।

भावना- 

अनुचित-  उसने मेरी उपेक्षा की क्यो कि वह मुझे पसन्द नही करता
उचित-  वह अपने आप में खोया हुआ दिखा, मुझे आश्चर्य है कि उसके साथ कुछ गड़बड़ है।


विचार-

अनुचित-  उदास,बुझा हुआ,उपेक्षित
उचित- दूसरे के लिए चिन्तित



शारीरिक  लक्षण –


अनुचित-  पेट मे एंठन शरीर मे कमजोरी आपने को बीमार महसूस करना
उचित- कुछ नहीं आपने को आराम मे  महसूस   करना।




व्यवहार-

 अनुचित-आप अपने घर चले गये लोगो से मिलना जुलना बन्द कर दिया

उचित- उन लोगो से मिलकर यह जानकारी ली कि लोग ठीक तो है। 





इस तरह एक ही परिस्थिति के दो भिन्न तरह के परिणाम आये परिस्थिति के बारे मे आपकी सोच पर निर्भर किया। आप की सोच ने आपकी भावना व आपके कार्य को प्रभावित किया।

उदाहरण के अनुचित  कालम में आप सीधे निष्कर्ष पर पहुँच गये बिना उचित प्रमाण के। इसका असर यह हुआ कि-
आपके अन्दर कष्टदायक भावनाएँ पैदा हुई।
आपने अनुचित व्यवहार किया।

यदि आप उदास मन से घर जाते हैं तो सम्भव है कि आप जो हुआ, उसी बारे में सोचते  रहेंगे। आप बहुत खराब अनुभव करेंगे। यदि आप दूसरे व्यक्ति से मिलेंगे तो इस बात की ज्यादा सम्भावना है कि आप अपने बारे में अच्छा महसूस करेंगे। यदि आप ऐसा नही करते  है तो दूसरे व्यक्ति के प्रति कोई भी गलतफहमी दूर करने का अवसर आपको नही मिलेगा और आप बुरा महसूस करेंगे।

घटनाओं को देखने का यह एक सामान्य तरीका है पूरी घटनाक्रम या इसका कुछ अंश फीडबैक देता है जैसे यह घातक च्रक्र आपको बुरा महसूस करने के लिए बाध्य कर सकता है। इससे नयी परिस्थितियां पैदा हो सकती है जिसमें भी आपको खराब महसूस हो। आप अपने बारे में अनुचित सोचना शुरु कर दें। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब हम परेशान होते है तो बहुत या हम सीधे परिणाम सोचने लगते हैं और चीजों को अधिकतम एवं असामान्य तरीके से सोचने लगते है।

सी. बी. टी. आपके इस बदले हुए विचारो, भावनाओं एवं व्यवहार के घातक चक्र को तोडने में मदद करता है  जब आप घटनाओं को टुकड़ो में स्पष्ट देखते हैं तब आप उनको बदल सकते हैं और इस तरह इस बात को भी बदल सकते हैं कि आप कैसा महसूस करते हैं।  सी बी टी का उद्देश्य वहाँ तक पहुँचना होता हैं कि जब आप स्वंय कर सकें और इस समस्याओं को हल करने का अपना रास्ता ढूँढ सकें ।

पंच्क्षेत्रीय मूल्यांकन

उपरोक्त वर्णित पाँच क्षेत्रों को जोडने का यह एक दूसरा तरीका है।यह दूसरों के साथ हमारे सम्बन्ध बनाता है और हमें इस बात को समझने मे मदद करता है कि यह सम्बन्ध हमे कैसे अच्छा या बुरा महसूस करा सकता है। अन्य मुद्दे जैसे कर्ज, नौकरी, घर की समस्याएं भी महत्त्वपूर्ण है। अगर आप एक क्षेत्र में सुधार ला सकते है तो बहुत सम्भव है कि आप अन्य क्षेत्रो मे भी इसी प्रकार सुधार ला सकते हैं।



सी बी. टी. मे क्या सम्मिलित होता है

सी बी टी मे व्यक्तिगत तौर पर किया जा सकता या समुदाय मे किया जा सकता है यह स्व-सहायक पुस्तक या कम्प्यूटर प्रोग्राम द्वारा भी किया जा सकता है ।



यदि आप व्यक्तिगत चिकित्सा लेते हैं यदि आप प्राय: चिकित्सक से 5-20 के बीच,हर एक सप्ताह या 15 दिन पर मिलते हैं। प्रत्येक सत्र 30-60- मिनट का होता है।
पहले 2-4 सत्र में चिकित्सक यह देखता है कि क्या आप इस तरह की चिकित्सा ले सकते है और आप यह देखते है कि क्या इससे आपको आराम महसूस होता है।

चिकित्सक आपकी पिछली जिन्दगी एवं आप के प्रष्ठभूमि के बारे मे भी सवाल पूंछ सकता है। यद्यपि सी बी टी “आज और अब” पर केंद्रित करता है, कभी-कभी आपको पिछली जिन्दगी के बारे मे बात करने की आवश्यकता हो सकती है इस बात को समझने के लिए कि वो आपके वर्तमान को कैसे प्रमाणित कर रहा है।
आप यह निश्चय करते है कि आप को लघु कालीन ,मध्यम एवं दीर्घकालीन किन चीजों पर विचार करना है।
आप और चिकित्सक प्राय: इस बात पर सहमत होकर शुरुवात करते हैं कि किस बात पर विचार करना है।
कार्य

चिकित्सक के साथ मिलकर आप अपनी अलग अलग हिस्सो में विभाजित करते हैं जैसे उपरोक्त उदाहरण मे बताया गया है।इस प्रक्रम मे सहायता के लिए आपका चिकित्सक आपको डायरी बनाने के लिए भी कह सकता है।यह आपको आपनी व्यक्तिगत सोच ,भावनाएं, शारीरिक अनुभव एवं व्यवहार को पहचानने मे मदद करता है।
मिल जुलकर दोनो निम्न प्रश्नो का हल निकालने के लिए आपके विचारों कि क्या ये यथार्थवादी  नहीं है या ये अनुपयोगी है।
कि ये आपस में एक दूसरे को कैसे प्रभावित करते है और आपको कैसे प्रभावित करते है।
तब चिकित्सक आपको आपके अनुपयोगी विचारो एवं व्यवहार बदलाव को प्राप्त करने मे आपकी सहायता करता है।
किसी काम को करने के बारे मे बात करना आसान होता है परन्तु उसे करना उतना ही कठिन होता है। जब आप इस बात को पहचान लेते है कि बदलना है,तब आपका चिकित्सक आपको ग्रह कार्य का परामर्श देगा कि आप इन परिवर्तनों को अपने दिनचर्या मे शामिल करें। परिस्थिती के अनुसार,आप शुरुवात कर सकते हैं –
अपनी आलोचना करने वाले और बेचैन कर देने वाले विचारो के प्रश्न करना और उनको सकारात्मक विचारों से विस्थापित करना जो आपने सी.बी.टी.  से सीखा है।
इस बात को पहचानना कि आप कुछ एसा करने वाले है जिससे आपको बुरा महसूस होगा और करना आपके लिए उपयोगी हों।
प्रत्येक मुलाकात पर आप परिचर्चा करिए कि पिछले सत्र से आपको कितना फायदा हुआ अगर कोई काम आपको कठिन लगता है।
जो आप नही करना चाहते है उस काम के लिए वे आपको नही कहेंगें । यह आप तय करते है कि आपके इलाज की रफ़्तार क्या होनी चाहिए, आप क्या कर सकते हैं और क्या नही।सी.बी.टी. की मजबूती यह है कि सत्र समाप्त हो जाने के बाद भी आप अभ्यास जारी रख सकते हैं और अपनी दक्षताओं का विकास कर सकते हैं। ऐसा करने से इसकी सम्भावना कम हो जाती है कि आपकी समस्याएँ व लक्षण वापस आएँ।

सी.बी.टी.  कितना प्रभावी है:

घबड़ाहट या उदासी मुख्य समस्या होती है,वहाँ के लिए यह सबसे प्रभावी उपचारों में एक है।
मध्य श्रेणी और तीक्ष्ण श्रेणी के उदासी के लिए यह सबसे प्रभावी  मनोचिकित्सा है।
कई तरह के उदासी के लिए यह एन्टीडिप्रेसेन्ट (antidepressants) के समतुल्य उपचार है।

और किस तरह के उपचार उपलब्ध हैं और उनकी तुलना सी0बी0टी0 से कैसे की जा सकती है:


 सी.बी.टी. बहुत सारी परिस्थितियों में उपयोगी है इसलिए इस पुस्तिका में उन सबको लिखना संभव नही है उदासी और घबड़ाहट जैसी समस्याओं के लिए और विकल्पों पर विचार कर सकते हैं।
 सी.बी.टी. प्रत्येक के लिए नही है, बातचीत के जरिये किया जानेवाला अन्य उपचार आपके लिए बेहतरी हो सकता है।
कई तरह की उदासी की परेशानियों में सी0बी0टी0 एन्टीडिप्रेसेंट (antidepressants)  के समान प्रभावी है। घबड़ाहट को ठीक करने मे एन्टीडिप्रेसेंट (antidepressants)  से थोड़ा ज्यादा प्रभावी हो सकती है।
तीक्ष्ण श्रेणी के लिए एन्टीडिप्रेसेंटस (antidepressants)  के साथ ही सी.बी.टी.  उपयोग करना चाहिए।
जब आप अपने आप को बहुत उदास महसूस करते है तब यह काफी मुश्किल होता है कि आप अपने सोचने के नजरिए को बदल पाए जब तक कि एन्टीडिप्रेसेंट (antidepressants)  से आप थोड़ा अच्छा महसूस करना ना शुरु कर दें।
घबड़ाहट के लिए ट्रेक्वीलाइजर (tranquillisers) को लम्बे समय तक इलाज के लिए उपयोग नही करना चाहिए सी.बी.टी.  एक अच्छा विकल्प है।

सी.बी.टी.  के साथ समस्याएँ:

यदि आप उदासी का अनुभव कर रहे होते है और ध्यान लगाने मे काफी कमी होती है तो सी.बी.टी. या किसी भी साइकोथैरपी को समझना पहले-पहले मुश्किल होता है।
यह आपको निराश और बेचैन कर सकता है। एक अच्छा चिकित्सक आपके सत्र  को गति दे सकता है जिससे आप जो काम करना चाहते हैं उससे सामना कर सकते हैं।
कभी कभी उदासी, घबड़ाहट, लज्जा या क्रोध के अनुभव के बारे मे बात करना मुश्किल हो सकता है।

कब तक उपचार चलेगा:

6 सप्ताह से लेकर 6 महिने तक इलाज चल सकता है। यह बात पर निर्भर करेगा कि आप कि समस्या किस तरह की है और यह आपके लिए किस तरह काम कर रही है। सी.बी.टी. की उपलब्धता विभिन्न क्षेत्रो मे भिन्न होती है।यह भी हो सकता है कि इलाज के लिए इन्तज़ार करना पड़े।

यदि लक्षण पुन: आते है तो क्या करना होगा:

यह खतरा हमेशा बना रहता है कि उदासी और घबड़ाहट वापस आ सकता है। यदि ऐसा होता है तो आपकी सी.बी.टी.  दक्षताओ से इनको रोकना आसान हो जाता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि अच्छा महसूस करने के बावजूद भी हमे सी.बी.टी. दक्षताओ का अभ्यास करते रहना चाहिए।
कुछ शोध है जो यह बताते हैं कि उदासी को वापस आने से रोकने में   सी.बी.टी   एन्टीडिप्रेसेन्टस से बेहतर हो सकती है। अगर जरुरी हो तो आप पुन: चर्चा कर सकते हैं।

हमारे जीवन पर सी.बी.टी.  का प्रभाव पड़ता है:

उदासी और घबड़ाहट अच्छा महसूस नही होता है। वे हमारे कार्य करने की क्षमता और जीवन के आनन्द को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। सी.बी.टी. इन लक्षणों को रोकने में हमारी मदद करती है। इसको करने में समय देने के अलावा आपके नकारात्मक प्रभाव होने की सम्भावना काफी कम होती है।

अगर हम सी.बी.टी. नही कर सकते तो क्या होगा:

आप अपने चिकित्सक से और विकल्पों के बारे में विचार-विमर्श कर सकते हैं। आप यह भी कर सकते हैं-
इस इलाज और इसके विकल्पों के बारे में और अधिक पढ़ सकते है
यदि आप पहले यह जानना चाहते हैं कि यह आपके लिए उपयोगी कि नहीं तो आप सेल्फ़ हेल्प बुक या सी डी रोम की सहायता ले सकते हैं।

यदि आपको आगे किसी भी तरह का फायदा होता है, आप का मन बदलता तो बाद में आप सी.बी.टी. के लिए कभी भी कह सकते हैं।



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