आज दोपहर को रागिनी को दिल्ली जाने की फ्लाइट पकड़नी थी और उसकी पैकिंग भी नहीं हुई थी। रात से बालाजी हॉस्पिटल टिकरापारा में भर्ती अपने पिता जी भी डिस्चार्ज कराना था।
इमरजेंसी रूम में बहुत भीड़ लग गयी थी। एक के बाद एक पांच पेशेंट एडमिट हुए थे। सभी डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ बहुत ही व्यस्त थे। इसी बीच रागिनी ( बदला हुआ नाम ) के सत्तर साल के पिता जी बड़बड़ाने लगे और स्टाफ से गन्दी भाषा में बात करने लगे। स्टाफ ने सीनियर डॉक्टर से बात की। सीनियर डॉक्टर ने पता किया तो मालूम पड़ा की मरीज की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है। सीनियर डॉक्टर ने रिकवरी हेड वर्षा को फ़ोन करके कहा की मरीज और उनके परिवार की समस्या को अटैंड करे।
वर्षा ने मरीज को प्यार से समझाया। उसी बीच रागिनी आ गयी। उसको बिल को लेकर कन्फूजन था। और वो टेस्ट के रिपोर्ट को लेना चाह रही थी जबकि नियमानुसार लामा मरीजों में यह नहीं दी जाती है। वर्षा ने सीनियर डॉक्टर से परमिशन लेकर रिपोर्ट्स की फोटोकॉपी तुरंत करा के रागिनी को दे दी। बिल ने जो जाँच नहीं हुई थी उसकी राशी वापस कर दी।
रागिनी ने वर्षा को बहुत धन्यवाद दिया।
BALAJI HOSPTIAL TIKRAPARA RAIPUR 9302091339 , 77475156 ,9329659049
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